अवीवा इंडिया ने उत्तराखंड के ग्रामीण समुदायों के लिए प्रिवेंटिव केयर प्रोग्राम किया शुरू

देहरादून: अग्रणी प्राइवेट लाइफ इंश्योरेंस कंपनी अवीवा इंडिया ने प्रिवेंटिव केयर प्रोग्राम लॉन्च करने की घोषणा की है। उत्तराखंड के दूरदराज के क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी को दूर करने पर फोकस करते हुए इस प्रोग्राम को लॉन्च किया गया है। सेंट्रल हिमालयन रूरल एक्शन ग्रुप (चिराग) फाउंडेशन के सहयोग से विकसित यह कार्यक्रम वंचित समुदायों को संपूर्ण निवारक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने का उद्देश्य रखता है। इसके तहत मिनी-मोबाइल मेडिकल यूनिट्स (एमएमयू) और विशेष महिला स्वास्थ्य एवं स्वच्छता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
दूरदराज के हिमालयी गांवों में स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत चुनौतियां हैं। सामान्य स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भी परिवारों को 50 से 80 किलोमीटर तक जाना पड़ जाता है। मेडिकल प्रोफेशनल्स की सीमित संख्या, ज्यादा लागत और प्रिवेंटिव केयर के बारे में कम जागरूकता से स्थिति और भी बिगड़ जाती है। अवीवा इंडिया के हेल्थकेयर प्रयासों का लक्ष्य निशुल्क प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा एवं जांच की सुविधा प्रदान करते हुए इस अंतर को कम करना है। इससे अल्मोड़ा जिले के करीब 35 गांवों की आबादी का बेहतर स्वास्थ्य सुनिश्चित होगा।
एमएमयू के माध्यम से 20 से ज्यादा गांवों में डायग्नोस्टिक्स, टेलीमेडिसिन और मुफ्त दवा की सुविधा लोगों के दरवाजे पर उपलब्ध कराई जाएगी। इनके माध्यम से नियमित स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित किए जाएंगे, जिनसे हर महीने करीब 660 लोगों को लाभ होगा। साथ ही 15 गांवों में महिला स्वास्थ्य एवं स्वच्छता कार्यक्रम की पहुंच होगी, जिसके माध्यम से स्त्री रोगों के लिए कंसल्टेशन, मासिक धर्म से संबंधित शिक्षा, सैनिटरी पैड की आपूर्ति एवं प्रिवेंटिव स्क्रीनिंग की जाएगी। छह महीने में करीब 3,480 महिलाओं एवं लड़कियों को इससे सीधा लाभ होगा। इस कार्यक्रम को इस तरह से तैयार किया गया है, जिससे मातृत्व स्वास्थ्य बेहतर हो, स्वच्छता को बढ़ावा मिले और प्रिवेंटिव केयर को लेकर जागरूकता बढ़े।
इस मौके पर अवीवा इंडिया के सीईओ एवं एमडी श्री असित रथ ने कहा, ‘अवीवा इंडिया में हमारा मानना है कि स्वास्थ्य एवं वित्तीय सुरक्षा का आपस में गहरा संबंध है। अच्छा स्वास्थ्य वह नींव है, जिस पर परिवारों का भविष्य बनता है। इसके बावजूद ग्रामीण भारत में बहुत से लोगों की पहुंच प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं तक भी नहीं है। इस पहल के माध्यम से हम ऐसे समाधान दे रहे हैं, जिनसे न केवल तत्काल केयर मिलेगी, बल्कि लंबी अवधि में देश के कुछ सबसे वंचित क्षेत्रों की महिलाओं, बच्चों और परिवारों को मजबूत किया जा सकेगा। यह इनीशिएटिव सबसे जरूरी सुरक्षा देने और स्वस्थ्य एवं ज्यादा सजग भारत बनाने के हमारे लक्ष्य को दर्शाती है।’
चिराग फाउंडेशन के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉ. बद्रीश सिंह मेहरा ने कहा, ‘सेंट्रल हिमालयन रूरल एक्शन ग्रुप (चिराग) में हमारा मानना है कि बदलाव की शुरुआत तब होती है, जब लोगों को यह अनुभव होता है कि उनके बारे में भी सोचा जा रहा है, उनकी देखरेख हो रही है और उन्हें जरूरी समर्थन मिल रहा है। अवीवा इंडिया के साथ हमारी साझेदारी हमारे इसी विश्वास को साकार करने वाली है। साथ मिलकर हम ऐसे लोगों तक पहुंच रहे हैं, जिन्हें स्वास्थ्य सेवाओं की सबसे ज्यादा जरूरत है। हम ऐसी व्यवस्था बना रहे हैं, जहां परिवारों की परेशानियां दूर होंगी, उन्हें सीखने और आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। यह साझेदारी ज्यादा स्वस्थ समुदाय को पोषित करने की पहल है, साथ ही हर व्यक्ति को यह याद दिलाने की इनीशिएटिव है कि उनका स्वास्थ्य मायने रखता है।’
इस प्रोजेक्ट को अगस्त, 2025 से मार्च, 2026 तक संचालित किया जा रहा है। अवीवा इंडिया की ओर से इसके प्रभाव की मासिक एवं तिमाही समीक्षा की जाती है और साइट विजिट की जाती है। छमाही प्रभाव का मूल्यांकन अवीवा की सीएसआर कमेटी के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा, जिससे कंपनी के गवर्नेंस मानकों के अनुरूप पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित होगी।
